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महिला विकास योजना – इस योजना मे महिलाओं को कुटीर हस्तशिल्प व ग्रामिण उद्योगों हेतु रु. 50,000/- तक का ऋण स्वयं के नाम की भूमि, भवन या भूखण्ड न होने पर भी सम्पति धारक को दो अन्य जमानतदार ( जिसमें एक पति या निकटतम रिश्तेदार ) की जमानत पर दिया जा सकता हैं। हिस्सा राशि भी मात्र 3 प्रतिशत ही ली जाती है।
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ग्रामीण आवास ऋण योजना – नवीन भवन निर्माण, आवासन मण्डल/संस्था किसी व्यक्ति का भवन क्रय करने हेतु ऋण/ऋण अवधि 15 वर्ष/वर्तमान भवन की मरम्मत हेतु ऋण। ऋण अवधि 5 वर्ष।
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पक्का हौज निर्माण योजना – इस योजना में उपलब्ध जल के पुर्ण व बेहतर उपयोग हेतु पानी संग्रहण के लिए पक्का हौज निर्माण हेतु ऋण सुविधा।
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कच्चा फार्म पौण्ड (खेत तलाई) हेतु ऋण योजना इस योजना – में कृशकों को मानसूनी वर्शो के जल को रोककर भूमि के कटाव को रोकने व जल का उपयोग सिंचाई हेतु करने के लिये फार्म पौण्ड (खेततलाई) निर्माण हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
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ग्रामीण गोदाम निर्माण/ परिवर्तन/ विस्तारण ऋण योजना – ग्रामीण क्षेत्र में अनाज/कृशि उत्पाद भण्डारगृह (गोदाम) निर्माण हेतु ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
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वर्मी कम्पोस्ट (केचुआ खाद) – खेत में रहे फसलों के अवषेश, सब्जी, मण्डियों के अवषेश, गोबर, मिट्टी व केंचुओं के आदान से वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण करने हेतु ऋण उपलब्ध है।
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स्वरोजगार के्रडिट कार्ड योजना – इस योजना के अन्तर्गत लघु कुटीर और ग्रामोद्योग एवं स्वरोजगार में लगे व्यक्ति कारीगर, हथकर्घा बुनकरों, हस्त षिल्पी सेवा क्षेत्र में लगे व्यक्तियो को कार्यषील पूंजी अथवा दोंनो के लिये अधिकतम 50,000/- का ऋण उपलब्ध हैं।
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व्यक्तिगत वाहन ऋण योजना – व्यक्तिगत उपयोग हेतु दुपहिया/ चैपहिया वाहन जैेसे स्कूटर, मोटरसाइकिल, मोपेड कार जीप आदि क्रय करने हेतु निम्न सदस्यों को ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। केन्द्र/राज्य सरकार/ बैंक/ बीमा/ अर्द्ध सरकारी/ संगठन/ सहकारी संस्थाओं में कार्यरत स्थाई/ नियमित कर्मचारी, डाॅक्टर, इन्जिनीयर, चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट, कम्पनी सेके्रट्री, आक्रिटेक्ट गत दो वर्शो से आयकरदाता व्यवसायी व कृशि आय के आधार पर कृशक आय के आधार पर कृशक को दुपहिया वाहन एवं चैपहिया वाहन हेतु ऋण उपलब्ध है।
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उच्च शिक्षा ऋण योजना – बैंक के सदस्यों के बच्चों को उच्च शिक्षा, तकनीकी एवं मेडीकल, एम.सीए. आदि कोर्सेज में अध्ययन कराने हेतू इस योजनान्तर्गत अधिकतम 10.00 लाख रुपये अथवा प्रस्तावित खर्चे की राषि का 80 प्रतिषत तक जीे भी कम हो ऋण उपलब्ध है।
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कृषि भूमि खरीदने के लिए ऋण योजना – कृषि कार्य हेतु भूमि क्रय करने के लिए लघु कृशकों को भुमि की लागत का 90 प्रतिषत ऋण 7 से 12 वर्श की अवधि के लिये उपलब्ध है।
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मृदा सुधार ऋण योजना – ऐसे पहाडी इलाके जहां कहीं मिट्टी की परत अत्यन्त कम है वहां फसल की बुवाई से पुर्व अतिरिक्त मिट्टी डालकर भुमि सुधार कराने हेतु अधिकतम 9 वर्श की अवधि के लिए ऋण दिया जाता है।
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औषधीय एवं सुगन्धित पादपों की खेती हेतु ऋण योजना – चिकित्सा क्षेत्र एवं समाज के बदलते परिदृष्य में वर्तमान में जडीबुटियों की मांग बढ रही हैं। जडी बूटियों एवं सुगन्धित पादपों की खेती के तहत इस जिले में सफेद मुसली, ग्वारपाठा व आंवला खेती 2 वर्श से 3 वर्श के लिये ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पर अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है।
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शैक्षणिक संस्थान ऋण योजना – अच्छी शिक्षण संस्थाओं की स्थापना हेतु ऋण अवधि 3 से 10 वर्ष ।
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फेंन्सिग उद्देष्य हेतु ऋण योजना – खेत की सुरक्षा के लिए चारों ओर पट्टियों, पत्थर व कंटीले तारों की टेंªच बनाकर फेन्सिंग करने हेतु ऋण । ऋण अवधि 9 वर्ष।
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कस्टम हायरिंग केन्द्र – फार्म मषीनरी फोर कस्टम हायरिंग हेतु उच्च प्रोद्योगिकी उच्च उत्पादक उपकरण केन्द्रों हेतु वितिय सहायता उपलब्ध कराने हेतु ऋण उपलब्ध है। योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा 40 प्रतिषत अनुदान देय है।
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ग्रीन हाऊस (पोली हाऊस) ऋण योजना – 4000 वर्गमीटर तक के ग्रीन हाऊस (पोली हाऊस) निर्माण हेतु ऋण सुविधा उपलब्ध है। उद्यान विभाग द्वारा नियमानुसार अनुदार देय है।
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